Satyaprem Ki Katha Review: समीर विद्वांस के नाम को हिंदी सिनेमा के दर्शकों ने फिल्म ‘सत्यप्रेम की कथा’ के माध्यम से पहली बार सुना हो, लेकिन मराठी सिनेमा के प्रशंसक उनके अभिनय के बारे में बहुत कुछ जानते हैं।
फ़िल्म का नाम | सत्यप्रेम की कथा |
लेखक | करण श्रीकांत शर्मा |
निर्देशक | समीर विद्वांस |
रिलीज़ डेट | 29 जून, 2023 |
कलाकार | कार्तिक आर्यन (सत्तू), कियारा आडवाणी (कथा), सुप्रिया पाठक (सत्तू की माँ) , गजराज राव (सत्तू के पिता), शिखा तलसानिया (सत्तू की बहन), सिद्धार्थ रांदेरिया, राजपाल यादव |
आखिर क्या है Satyaprem Ki Katha की कहानी
“सत्यप्रेम की कथा” नामक फिल्म में हीरो का नाम सत्यप्रेम है और फिल्म की हेरोइन का नाम कथा है। इस फिल्म को एक तगड़ी लव स्टोरी जैसे की लैला मजनू, हीर रांझा की तरह बनाने की कोशिश की गयी है। इस फिल्म को बनाने के लिए निर्देशक समीर विद्वांस और इस फिल्म के लेखक करण श्रीकांत शर्मा जी ने कड़ी मेहनत की है।
सत्यप्रेम (कार्तिक आर्यन) की कहानी है, जो शादी करने को बेताब है। सत्तू अपने जीवन में सिर्फ घर का काम करता है। सत्तू हर दिन अपने घर पर रोज़मर्रा के काम जैसे की खाना बनाना, बर्तन धोना और साफ़ सफाई करता है। उसका एक ही लक्ष्य था की वह वकील बन सके, लेकिन परीक्षा में सफल नहीं हुआ, इसलिए घर पर खाली बिना किसी काम के बैठा है। गजराज राव, सत्यप्रेम के पिता, भी बेरोजगार हैं। उनके तीन उद्यमों में इन्वेस्टमेंट किया, लेकिन वे भी सफल नहीं हुए। सत्तू की मां दिवाली, जिसे सुप्रिया पाठक ने अभिनीत किया है, और बहन सेजल, जिसे शिखा तलसानिया ने अभिनीत किया है, डांस क्लासेज चलाकर अपना घर चलाती हैं।
क्या रही सत्तू की मजबूरियां
सत्तू का सपना है कि वह अपना घर बसाएगा। उसके पड़ोसियों और दोस्तों में से एक के बाद एक शादी हो रही है। ऐसे में बेचारा कंवारा हर दिन सत्तू जलन के बारे में रोज़ घुटता रहता है। घर में रहने की वजह से वह हर समय बहन के ताने और मां की डांट खाता रहता है। लेकिन सत्तू के पिता उसके सर्वश्रेष्ठ दोस्त हैं। वह अपने बेटे को हर कदम पर सहयोग देते हैं। सत्तू का प्रेम कथा (कियारा आडवाणी) नाम की एक लड़की पर है। कहानी: एक साल पहले की है जब वह एक गरबा रात में मिली और सत्तू को पसंद आई।
सत्यप्रेम और कथा एक साथ होते हैं। लेकिन विवाहित होने के बाद भी दोनों के बीच काफी दूरी रहती है। कुछ राज़ को लेकर कथा काफी परेशान रहती है। कथा की पूरी कहानी सुनकर सत्तू उसकी मदद करने का निर्णय लेता है और कहता है कि कहानी का हीरो खुद बनना पड़ेगा और उसका पूरा साथ देगा।
Satyaprem Ki Katha की कहानी में कंसिस्टेंसी एक समस्या है। फिल्म के पहले हिस्से में किरदार कुछ अलग होते हैं, लेकिन दूसरे हिस्से में वे पूरी तरह से बदल जाते हैं। सत्तू के पिता पहले उसका साथ देते हैं, लेकिन बाद में वही उसके निर्णय के खिलाफ खड़े हो जाते हैं।
कैसी रही एक्टर्स की पर्फोर्मस
Satyaprem Ki Katha फिल्म में सत्तू और कथा ने काफी अच्छा अभिनय किया है और ऑडियंस की उम्मीदों पे खरे उतरे। सत्तू एक ऐसा करैक्टर है जो सबकी ख़ुशी में शामिल रहता है और काफी केयरिंग है लेकिन वो अपनी समस्याओ से जूझ रहा है। अगर बात करें कथा की तो वो भी कही पर कम नहीं दिखी, उनकी एक्टिंग एक रियलिटी से काम नहीं दिखाई गयी।
कितनी हो पायेगी कमाई
खबरों के मुताबिक इस फिल्म का मेकिंग बजट 50 से 60 करोड़ के बीच में रहा है और प्रमोशन के हिसाब से आईडिया लगाया जा रहा है की इस मूवी का पहले दिन का कलेक्शन तक़रीबन 6 से 10 करोड़ के बीच रह सकता है।