HDFC Share – एचडीएफसी एक जाना माना नाम है। शेयर ट्रेडिंग करने वाले कितने लोगों ने पिछले कई सालों में इससे अच्छी खासी कमाई भी की है, लेकिन अब एचडीएफसी की ट्रेडिंग आप नहीं कर सकते। दरअसल, 12 जुलाई को आखिरी बार HDFC के शेयरों की ट्रेडिंग हुई उसके बाद इसे बंद कर दिया गया। लगातार 44 साल तक ट्रेडिंग करने के बाद अब HDFC शेयर बाजार से बाहर है।
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क्यों बंद की गई HDFC की ट्रेडिंग | HDFC Share 2023
हाउसिंग डिवेलपमेंट एंड फाइनेंस कॉरपोरेशन यानी एचडीएफसी लिमिटेड की लगभग चार दशक की यात्रा खत्म हो चुकी है। दरअसल, बात ये है कि अब एचडीएफसी का एचडीएफसी बैंक में मर्जर हो चुका है। इसके साथ ही एचडीएफसी बैंक मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन गया है। 40 अरब डॉलर का यह मर्जर एक जुलाई से प्रभावी हो गया। HDFC Bank के साथ एचडीएफसी लिमिटेड के मर्जर के बाद अब एचडीएफसी लिमिटेड का अस्तित्व समाप्त हो गया है।
ये कंपनियां लेंगी एचडीएफसी की जगह
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के 30 शेयरों वाले इंडेक्स सेंसेक्स पर अब एचडीएफसी लिमिटेड की जगह जेएसडब्ल्यू स्टील को शामिल किया जा रहा है। वहीं एसएंडपी बीएसई 500 की लिस्ट में जेबीएम ऑटो कंपोनेंट्स लिमिटेड एचडीएफसी की जगह लेगा। वहीं, एसएंडपी बीएसई 100 की लिस्ट में HDFC की जगह अब जोमैटो को शामिल किया जा रहा है, तो वहीं निफ्टी-50 में सबसे बड़े लैंडर की जगह LTIMindtree को रखा गया है।
HDFC शेयरहोल्डर्स के शेयरों का क्या होगा अब
HDFC Bank में 100 फीसदी हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों की होगी और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक की 41 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी। एचडीएफसी लिमिटेड के हर एक शेयरधारक को उनके प्रत्येक 25 शेयर के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे।
कब हुई थी शुरुआत ?
एचटी पारेख ने 17 अक्टूबर 1977 को एचडीएफसी लिमिटेड की नींव रखी थी। इसके बाद साल 1978 में ही कंपनी अपना आईपीओ लेकर आ गई। उस वक्त शेयर की फेस वैल्यू 100 रुपये रखी गई थी। उस वक्त इसकी शुरुआत बहुत धीमी हुई थी। लेकिन लगभग तीन दशकों तक एचडीएफसी लिमिटेड ने अपने निवेशकों को खूब कमाई कराई। साल 1992 में इनके शेयर की कीमत केवल सात रुपये थी। जो आखिरी दिन 2,732.00 रुपये थी। बता दें कि एचडीएफसी लिमिटेड की शुरुआत भले ही एचटी पारेख ने की हो। लेकिन उनके भतीजे दीपक पारेख ने इसे सफलता के सफ़र पर लेकर गए।