Guru Purnima 2023 : हिन्दू धर्म में गुरु का महत्व स्वीकार करने और उनका सम्मान करने के लिए गुरु पूर्णिमा एक महान पर्व है। इस दिन विद्यार्थी अपने गुरु को अपना आदर्श मानते हैं और उनका स्नेहपूर्ण आभार व्यक्त करते हैं। यह ज्ञान, आदर्शता और संस्कृति की महानता को स्थापित करने का अवसर है।
इस बार Guru Purnima 2023 को 1 जुलाई, 2023 को मनाया जायेगा।
आदिगुरु व्यास की पुण्यतिथि
आदिगुरु व्यास की जयंती गुरु पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। वेदों, महाभारत और ज्ञान के संरक्षकों में से एक महर्षि व्यास है। उनके गुरुत्व ने ज्ञान की रचना की और सबसे बड़ा उदाहरण दिया।
सम्मान और सेवा
गुरु पूर्णिमा दिवस शिष्यों के लिए अपने गुरु की सेवा करने का एक अद्भुत अवसर है। शिष्य अपने गुरु की सेवा में अपना समय, बल और शक्ति लगाते हैं। इससे वे अपने गुरु को विश्वासपूर्वक मानते हैं और उनसे शिक्षा लेते हैं। गुरु पूर्णिमा पर्व हमें याद दिलाता है कि शिक्षा, ज्ञान और समर्पण का सम्मान करना हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है। गुरु के मार्गदर्शन से हम समाज में अच्छाई और ज्ञान का प्रचार कर सकते हैं और आदर्श और सच्ची प्रगति की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
शिक्षक-शिष्य परंपरा
शिक्षा और ज्ञान की परंपरा को मान्यता देने का पर्व गुरु पूर्णिमा है। आज गुरु-शिष्य संबंध का महत्वपूर्ण व्यक्तिगत और सामाजिक आधार है। शिष्य अपने गुरु का सम्मान और आदर करते हैं। गुरु अपने ज्ञान, मार्गदर्शन और सहयोग के माध्यम से अपने शिष्य को बढ़ावा देते हैं।
Guru Purnima 2023 उत्सव और रिवाज
गुरु पूर्णिमा के दिन भक्त उत्सव मनाते है और परंपरागत कार्यक्रम चलते है। यहां लोग संगठित रूप से सत्संग, भजन-कीर्तन, पाठ-पूजा, ज्ञान सत्र और गुरु की कहानियां सुनते हैं। यह उत्सव शिष्य-गुरु संबंध और विचारधारा को मजबूत करते है और विद्यार्थियों को आदर्शों का संचार करने में सहायता करते है।
जानकारी का महत्व
गुरुपूर्णिमा ज्ञान, शिक्षा और ब्रह्मचर्य का प्रतीक है। इस दिन छात्रों को अपने शिक्षक का सम्मान करना, उनका आभार व्यक्त करना और उनसे ज्ञान प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। गुरु के मार्गदर्शन से छात्रों की बुद्धि, विचारधारा और आचरण विकसित होते हैं, जो उन्हें सफल और सत्यानिष्ठ जीवन जीने में मदद करता है।
Guru Purnima 2023 FAQ’S
गुरुपूर्णिमा का अर्थ क्या है।
गुरु पूर्णिमा को एक पर्व माना जाता है जो गुरु के महत्व को याद दिलाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरु का सम्मान और आदर करते हैं।
गुरु पूर्णिमा कब है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो जुलाई या अगस्त में होती है। इस बार गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई, 2023 को मनाई जाएगी।
गुरुपूर्णिमा का आयोजन कैसे किया जाता है?
गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने गुरु को मंदिरों में पूजते हैं। सत्संग, पाठ-पूजा और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। शिष्य अपने गुरु का आदर करते हैं और उनके चरणों में प्रणाम करते हैं।
गुरुपूर्णिमा का क्या उद्देश्य है?
गुरु पूर्णिमा आदिगुरु व्यास की जयंती है। वेदों और महाभारत के लेखक के रूप में आदिगुरु व्यास को माना जाता है।